डाटा बिट तथा बाइट के हिसाब से ही संचारित होता है | कम्प्यूटर में इनका संचार तारो के माध्यम से होता है | ये संचार समान्तर तथा क्रमिक होते है |
समान्तर संचार (Parallel Communication) –
समान्तर संचार में बाइनरी डाटा को बिट्स के समूह में संगठित किया जाता है तथा संगठित डाटा एक साथ संचरित किया जाता है, जिस प्रकार हम बोलते समय अक्षरों को संगठित करके शब्दों के रूप में बोलते है | समान्तर संचार में बिट्स को भेजने के लिए उस की संख्या के अनुसार ही तार का प्रयोग किया जाता है अर्थात यदि 8-बिट भेजनी है तो 8 तारो का प्रयोग किया जायेगा |
समान्तर संचार का मुख्य लाभ गति होते है | अर्थात डाटा संचार, क्रमिक संचार की तुलना में अधिक गति से होता है परन्तु समान्तर संचार अधिक महँगा होता है |
क्रमिक संचार (Serial Communication) –
क्रमिक संचार में एक बिट, दूसरी बिट का अनुसरण करती है | क्रमिक संचार, समान्तर संचार की तुलना में सस्ता होता है |
क्रमिक संचार दो प्रकार से होता है–
- अतुल्यकालिक अथवा असमकालिक संचार (Asynchronous Transmission)
- तुल्यकालिक अथवा समकालिक संचार (Synchronous Transmission)
अतुल्यकालिक अथवा असमकालिक संचार (Asynchronous Transmission) –
अतुल्यकालिक डाटा संचार में डाटा बाइट के साथ एक अंतिम और प्रारम्भिक बिट Start Bit लगा दी जाती है जिसका उद्देश्य प्राप्तकर्ता को प्रत्येक बाइट के आरंभ और समाप्त होने के बारे में सुचना देना है | इसमें देता स्थानान्तरण बाइट के रूप में होता है |
तुल्यकालिक अथवा समकालिक संचार (Synchronous Transmission) –
तुल्यकालिक अथवा समकालिक संचार में डाटा फ्रेम के रूप में होता है जो जी विभिन्न बाइटो के समूहों से बना होता है प्रप्त्कता इस फ्रेम से बाइट को अलग कर लेता है |
No comments:
Post a Comment
Thanku for Your Feedback